seervi prakash panwar
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सोमवार, 19 दिसंबर 2016
फिर अंगुली उठ......
फिर अंगुली उठी,
मेरी उन राहोँ पर,
जो शोकिया आदत से बनी।
वजह पहले भी अहसास
और आज भी,
पर फर्क अंगुलियोँ मेँ नहीँ
मेरी जिद मेँ है।
-सीरवी प्रकाश पंवार
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