सोमवार, 19 दिसंबर 2016

जुबां

अपने ही आशियानें पर खुद का अधिकार नहीं,
डर बस इतना सा कि कल राजनेताओं की जुबां ना बने,
तमीज़ और तहज़ीब इनके पास नहीं,
ना ही ये दूसरों को देते।
--सीरवी प्रकाश पंवार

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