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माँ मैं गलत नहीं हूँ....
फ़सा ले गयी मुझे...
अपने आँखों के आंसू में...
पता नहीं था माँ...
कि जरूरत पड़ीं तो,
आँखों के आंसुओ को,
यु ही बहा देगी.....
माँ......
माँ कद्र ना हूई तेरे...
तेरे आंच...ल..की,
माँ..सोचने ना दिया. ..
तेरे लफ्ज़ो की कहानी को....
माँ पता नहीं था वो....
वो इस चाल से चलेंगी....
माफ मत करना,
ऐ माँ.....
ठुकराया तेरे.....
अल्फाजों को...
पर माँ तूने भी ना रोका. ...
क्यों माँ... क्यों. ...
क्यों कमझोर पड़ गयी...
इन ईश्कबाजों के आगे...
माँ.. माँ मैं जा रहा हूँ...
ये जहाँ छोड़ कर....
माँ... माँ...बस...
बस रोना मत ऐ माँ..
माँ मैं गल.............
........अंत।
--सीरवी
October, 11 2016; 12:13 Am
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