सोमवार, 19 दिसंबर 2016

कोई लौटा दे मेरा बचपन

कद भर के आशियाने पर,
नन्हें पैरो को हिलाते हुए,
नील आसमां में चंचल मन से,
पंछियो की नई उड़ानों क बीच,
उगते हुए सूरज को देखना,
कोई लौटा दे मेरा बचपन।

छोटे से जल सागर के,
नीर में अटखेलियां खेलते,
तन चंचल करते मासूम हाथ,
फिर काला चन्दन लगाकर,
दुग्ध पान कराती माँ को,
पैरों से उसे ही मारना,
कोई लौटा दे मेरा बचपन।

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