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मोहब्बत की दीवारों में ज़मानत कहा खो गयी, तेरी अल्फाज़ो की रातों में नाराजगी कही खो गयी, मेरे से बेवफ़ाई की वजह मत उगलवा, देख तेरी जिंदगी हवालात की कैसे हो गयी। --सीरवी प्रकाश पंवार
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