मंगलवार, 25 अप्रैल 2017

आज़ादी


इक आज़ादी मांग रहे, पत्थर नहीं खाने की...
इक आज़ादी मांग रहे, तिरंगा न जलाने की....
मुँह खोल तो दो तुम अपना लाहौर चीर दिखाएंगे,
पर इक आज़ादी मांग रहे, सबूत न दिखाने की...
--सीरवी प्रकाश पंवार

कोई टिप्पणी नहीं: