मंगलवार, 11 अप्रैल 2017

कभी जीत के....


कभी जीत के समंदर का एक लौटा तक नहीं चुराया,
भूखा सोया प्यासा भागा अश्क़ तक नहीं गिराया,
अरे तुम्हे मेरी जीत मुकम्मल क्यों नहीं होती,
पर कभी जीत की ख़ुशी में एक दीप तक नहीं जलाया।
--सीरवी प्रकाश पंवार

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