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यहाँ हर कोई उजाले में अँधेरा दिखाता हैं, यहाँ हर कोई सच में झूठ ढूंढ़ता फिराता हैं, वो लकीरें का क्या वज़ूद रखती जिन्हें गढ़ा ही मैने हो, यहाँ हर कोई उन लकीरों के पीछे मेरा भूत नजराता हैं --सीरवी प्रकाश पंवार
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