गुरुवार, 27 अप्रैल 2017

डर

एक गीत गा रहा हूँ मै, तेरे भूल जाने के डर से,
एक शब्द गढ़ रहा हूँ मै, तेरे रूठ जाने के डर से,
वैसे बिन रूठे जिंदगी की कहानी कहा बनती हैं,
एक कहानी रच रहा हूँ मै, तेरे ना बोलने के डर से।
--सीरवी प्रकाश पंवार

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