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एक गीत गा रहा हूँ मै, तेरे भूल जाने के डर से, एक शब्द गढ़ रहा हूँ मै, तेरे रूठ जाने के डर से, वैसे बिन रूठे जिंदगी की कहानी कहा बनती हैं, एक कहानी रच रहा हूँ मै, तेरे ना बोलने के डर से। --सीरवी प्रकाश पंवार
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