शुक्रवार, 9 जून 2017

बेवज़ह सोये..

बेवजह सोये पंछी को छेड़ा नहीं जाता,
ना मिले अग़र कुछ भी तो रोया नहीं जाता,
आंखिर वो वजूद ही क्या रखता जो न हो हमारा,
जो न ढूंढे किसी को तो पाया भी नहीं जाता।
--सीरवी प्रकाश पंवार

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