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ले आज बस लिख लू ख़त इश्क़ का, आना मेरी महफ़िल में,मै शायर हूँ इश्कबाज़ का, समंदर भर गहरा हूँ मगर कोई छेद है इस में, आ आज तुझे भी बता दूँ राज इस छेद का। --सीरवी प्रकाश पंवार
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