गुरुवार, 15 जून 2017

हीरो की चमक आजकल .....

हीरो की चमक आजकल रहने कहा दी,
परिंदों को उड़ाने आंखिर उड़ने कहा दी,
जो घर-घर फर्जी परिंदों के घरौंदे बनाए बैठे हो,
रूह पर कपडे की रौनक रहने कहा दी।
--सीरवी प्रकाश पंवार

कोई टिप्पणी नहीं: