रविवार, 25 जून 2017

ले आज बस..

ले आज बस लिख लू ख़त इश्क़ का,
आना मेरी महफ़िल में,मै शायर हूँ इश्कबाज़ का,
समंदर भर गहरा हूँ मगर कोई छेद है इस में,
आ आज तुझे भी बता दूँ राज इस छेद का।
--सीरवी प्रकाश पंवार

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