मंगलवार, 9 मई 2017

खूबसूरत सा चंदा धुंए .....

खूबसूरत सा चंदा धुंए की ख़ातिर अड़ा हैं,
कुदरत का करिश्मा देख़ो रूह पर आकर जुड़ा हैं,
जो धुँआ खुद ना टिक सके, उसे मै क्या हटाऊँ,
आंखिर भींगी पलकों का अड्डा सड़कों के किनारे खड़ा हैं।
-सीरवी प्रकाश पंवार

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