शुक्रवार, 12 मई 2017

तेरे आँखों पर...

तेरे आँखों पर काली पट्टी बंधी हैं कैसे हटाऊँ मै इसे,
एक रूप गढ़ लिया हैं तेरे मन ने कैसे मिटाऊँ मै तुझे,
मुझे सलाखों पर चलाया और सलाखें पानी में थी,
पर वो पानी नहीं तेज़ाब था कैसे बताऊँ मै तुझे।
--सीरवी प्रकाश पंवार

कोई टिप्पणी नहीं: