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तराजू से कभी समन्दर नहीं तोला जाता, दिलजलों से कभी प्यार नहीं किया जाता, आ जाना कभी मेरी महफ़िल में वक्त निकलकर, क्यों कि हवाओं में कभी इतिहास नहीं उकेरा जाता। --सीरवी प्रकाश पंवार
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