सोमवार, 15 मई 2017

तराजू से कभी..

तराजू से कभी समन्दर नहीं तोला जाता,
दिलजलों से कभी प्यार नहीं किया जाता,
आ जाना कभी मेरी महफ़िल में वक्त निकलकर,
क्यों कि हवाओं में कभी इतिहास नहीं उकेरा जाता।
--सीरवी प्रकाश पंवार

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