seervi prakash panwar
writer
शुक्रवार, 22 सितंबर 2017
आँखों की उम्मीद को ..............
आँखों की उम्मीद को तुम अख़बार मत बनाना,
जो बह जाए आँसू में, उसे इंतज़ार मत बनाना !!
रुख बदलती हवाओं का वज़ूद सिर्फ़ आंधी होती हैं,
पर जो बदल जाए पल भर में, उसे ख़्वाब मत बनाना !!
~सीरवी प्रकाश पंवार
Dear cute..
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