seervi prakash panwar
writer
शुक्रवार, 22 सितंबर 2017
जो रातों के इन अंधेरों में...............
जो रातों के इन अंधेरों में राख़ की होली खेला करते हैं!
जो बेवज़ह बंद डिब्बियों को मज़ाक में खोला करते हैं!
तुम बच कर रहना ऐसे अख़बार वालो से,
जो हुस्न का धंधा लिए घर-घर फिरा करते हैं!!
#
DeAr
CuTe
--सीरवी प्रकाश पंवार
with a great day
·
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